जानिए बारिश के मौसम में आईबीएस से पीड़ित मरीज़ को किन चीज़ों से एहतियात बरतनी चाहिए

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जानिए बारिश के मौसम में आईबीएस से पीड़ित मरीज़ को किन चीज़ों से एहतियात बरतनी चाहिए

  • July 9, 2024

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आईबीएस एक किस्म की पाचन तंत्र से जुड़ी ऐसी समस्या है, जिससे पीड़ित मरीज़ को बार-बार एब्डॉमिनल दर्द और कब्ज या फिर दस्त जैसी समस्या होने लग जाती है | आईबीएस जिसे इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम भी कहा जाता है, सामने रूप से बहुत आम होने वाली समस्या होती है, जिससे हर वर्ग के लोग गुजरते है | एक अध्ययन में यह भी बताया गया है की इस समस्या से पीड़ित मरीज़ों में से सभी को तो नहीं लेकिन महिलाओं को खासकर डॉक्टर से परामर्श करवाने की ज़रुरत पड़ जाती है | इसके अलावा बदलते मौसम से भी आईबीएस से पीड़ित मरीज़ को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, खासकर बरसात के मौसम में | आइये जानते है किन-किन चीज़ों से आईबीएस के मरीज़ को करना चाहिए बचाव :- 

संजीवनी आयुर्वेदशाला के सीनियर डॉक्टर रविंद्र वात्स्यायन ने अपने यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक वीडियो के माध्यम से यह बताया की बरसात का मौसम आते ही आईबीएस के मामले अचानक से बढ़ने लग जाते है, जिस वजह से इससे पीड़ित मरीज़ों की समस्याओं को काफी बढ़ावा मिल जाता है | यह समस्या तब बढ़ती है जब आईबीएस से पीड़ित मरीज़ बर्रिश के मौसम में अपने खाने-पीने पर परहेज़ बिलकुल भी नहीं करते है |    

डॉक्टर रविंद्र वात्स्यायन ने यह भी बताया की उन्होंने यह वीडियो बनाने की मुहिम इसलिए शुरू की है क्योंकि कई लोग ऐसे होते है जिन्हें इस समस्या के बारे में  पता होने के बावजूद भी वह अपने खानपान का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखते  है और इसके साथ ही हो रहे दुष्प्रभाव को नज़र-अंदाज़ कर देते है | जिसकी वजह से समस्या कम होने की बजाये और बढ़ जाती है |  इसलिए कोशिश करे की बरीशों के दिनों में संतुलित भोजन का ही सेवन करे | बाहर का खाना, प्रोसेस फ़ूड को बिलकुल भी सेवन न करे, यह आईबीएस से जुडी हर समस्या को बढ़ावा देने का कार्य करता  है |  

बारिश के दिनों में इससे पीड़ित व्यक्ति को खासकर नॉन-वेज़ फ़ूड का सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए | अपने खाने पीने का समय ठीक रखे | तभी आप आईबीएस से हो रही समस्या को कम कर सकते है |  इससे संबंधित और जानकारी के लिए आप संजीवनी आयुर्वेदशाला  नमक यूट्यूब चैनल पर विजिट कर सकते है | इस चॅनेल पर आईबीएस विषय पर संपूर्ण जानकारी के साथ  वीडियो की पूरी सीरीज बना कर पोस्ट की हुई है | इसके अलावा आप संजीवनी आयुर्वेदशाला से सीधा संपर्क भी कर सकते है | यहाँ के डॉक्टर रविंद्र वात्स्यायन आयुर्वेदिक जो की आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों में एक्सपर्ट है, इस समस्या को आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के उपयोग से कम करने में आपकी मदद कर सकते है |

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क्या पीसीओडी में गर्भवती होना संभव है ?

  • June 12, 2024

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पीसीओडी को पोलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम भी कहा जाता है, जो महिला के प्रजनन क्षमता के साथ काफी छेड़छाड़ करती है | यह महिलाओं में होने बांझपन जैसे स्थिति का एक सामान्य और उपचार योग्य कारण हो सकता है | अगर आप काफी लम्बे समय गर्भधारण करने की कोशिश कर रहे है पर फिर भी सफल नहीं हो रहे है तो बेहतर यही है की आप डॉक्टर के पास जाकर अच्छे से इलाज करवाएं |

 

संजीवनी आयुर्वेदशाला के सीनियर डॉक्टर जो की आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों में में एक्सपर्ट है, उनका मानना है की वैसे तो पीसीओडी स्थिति में गर्भधारण करना संभव है , लेकिन कई महिलाएं ऐसी भी है जिनको इस स्थिति में गर्भधारण करने में परेशानी आती है | जिस वजह से यह महिलाएं एलोपैथिक दवाइयों का सहारा लेती है जो उनकी सेहत पर काफी दुष्प्रभाव डालता है | आइये सबसे पहले पीसीओडी के लक्षण के बारे जान लेते है :-

 

  • महिलाओं को अनियमित मासिक धर्म से गुजरना |
  • महिलाओं में लम्बे समय तक मासिक धर्म का न आना या फिर यह समस्या काफी लंबे से चल रहा हो |
  • लम्बे समय तक भारी रक्तस्राव का होना या फिर गर्भाशय के परत सामान्य से भी अधिक मोटा होना |
  • हिर्सुटिज़्म की समस्या से गुजरना, इस समस्या में महिला के शरीर के कई अंगो में जैसे की पीठ, पेट, छाती और चेहरे पर अत्यधिक बाल उग जाते है |

 

पीसीओडी के मुख्य लक्षण क्या है ? 

 

  1. एण्ड्रोजन का लेवल बढ़ जाना :- महिला में एण्ड्रोजन नामक एक पुरुष हार्मोन की छोटी सी मात्रा होती है , हलाकि यह हार्मोन पीसीओडी की वजह से काफी मात्रा में बढ़ जाते है जो की अंडाशय में अंडे को विकसित होने में रोकने का कार्य करता है | इस कारण महिलाओं के शरीर में काफी बाल उग जाते है |

 

  1. इन्सुलिन का उच्च स्तर होना :- इन्सुलिन महिला के शरीर हार्मोन ग्लूकोज स्तर को नियंत्रित करने का कार्य करता है, लेकिन पीसीओडी इस क्रिया में प्रतिबंध लगाने का कार्य करती है |

 

पीसीओडी के लिए आयुर्वेदिक उपचार :- 

इस समस्या का अगर आप आयुर्वेदिक तरीके से उपचार करवाना चाहते हो तो आप संजीवनी आयुर्वेदशाला का चयन कर सकते है | यहाँ के डॉक्टर अंशु वात्स्यायन आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों में एक्सपर्ट्स है जो की आपको जड़ी-बूटियों के जरिये पीसीओडी को कम करने में सहायता करेगी |