Benefits of Triphala By Dr. R. Vatsyayan

Ayurvedic

Benefits of Triphala By Dr. R. Vatsyayan

  • July 12, 2024

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Ayurveda has numerous medicines; Triphala Churna is an Ayurvedic remedy to treat a number of digestion and immunity issues. At Dr. Vatsyayan’s Sanjivani Ayurvedshala, you will learn about many more medicines like Triphala. 

 

Triphala mainly consists of three fruits: Amalaki, Bibhitaki and Haritaki. All these are natural herbs that help boost immunity, which prevents several diseases. It helps detoxify the body by releasing toxins. Many researchers have said the analgesic properties of ingredients in Triphala can help in rejuvenation by balancing the dosha in the body. It acts as an antioxidant in the body, which helps with weight loss. Adding Triphala to your diet can help you improve digestion. 

 

For centuries, Triphala has been advised to get relief from constipation as it is rich in laxatives. Taking it during bedtime helps you to get rid of a constipated stomach. Our specialist, Dr R. Vatsyayan, has suggested different ways of taking Triphala at other times of the day. If you are taking it in the morning, mix it with honey; during the day, take it with warm water and at night, pair the Triphala Churna with milk for better results. He also suggested taking it under the guidance of a supervisor, as overeating can cause you a little discomfort. 

 

Contact us to learn more about Triphala and its uses. We have ayurvedic solutions for numerous diseases which are causing daily life problems. Get your issues solved at our clinic today!

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बारिश के दिनों में किन चीज़ों से करनी चाहिए परहेज़ और किन चीज़ों का करना चाहिए सेवन

  • July 5, 2024

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बारिश के मौसम में कई चीज़ें होती है, जिनसे परहेज़ करना बेहद आवशयक होता है क्योंकि यह सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है | खाने-पीने के दौरान बरती गयी लापरवाही से आप बीमार हो सकते है, साथ ही यह आपके इम्युनिटी प्रणाली को कमज़ोर भी कर सकते है | 

 

बारिशों के मौसम में कई तरह के बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है | इस मौसम में साफ़-सफाई के साथ-साथ अपनी डाइट का भी ख्याल रखना बेहद आवश्यक होता है | आयुर्वेद के अनुसार बारिश का मौसम में व्यक्ति के शरीर में वात्त बढ़ने लगता है, और साथ ही इस मौसम में पित्त भी जमा होने लगते  है | जिससे बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है और काफी लोग इसके चपेट में भी आ जाते है | आइये जानते है आयुर्वेद से बारिशों के मौसम में कौन-सी चीज़ों से करनी चाहिए परहेज़ और कौन-सी चीज़ों का करना चाहिए सेवन :- 

 

  1. हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन बिलकुल न करे :- बारिशों के मौसम में हरे पत्ते वाली सब्जियों का सेवन बिलकुल भी नहीं  चाहिए | इस मौसम में हरी पत्ते वाली सब्ज़ियों में प्रदूषित पानी और केमिकल से दूषित हो जाते है और साथ ही ऐसे कीड़े आ जाते है,जो नज़र भी नहीं आते है और इससे सब्ज़ियां भी संक्रमित हो जाती है | इसलिए साग जैसे सब्जियों का सेवन न करे |  

 

  1. नॉन-वेज का सेवन न करे :- बारिशों के दिनों में में नॉन-वेज खानपान से बिल्कुल दूर रहना चाहिए | इस मौसम के दौरान कीटाणुओं के प्रजनन तेज़ी से बढ़ने लगते है, जिससे नॉन-वेज के सेवन से इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है | नॉन-वेज के सेवन से पेट में गैस और अपच की समय उत्पन्न हो सकती है, जिस वजह से नॉन-वेज को पचाना मुश्किल हो जाता है | 

 

  1. दही से रखें परहेज :- बरसात के मौसम में दही के सेवन से परहेज रखनी चाहिए | इस मौसम में दही में गुड बैक्टीरिया के साथ-साथ बैड बैक्टीरिया भी पैदा होने शुरू हो जाते है, जिससे पेट में खराब बैक्टीरिया उत्पन्न हो सकते है और साथ ही पेट से जुड़ी कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती है | इसलिए बरसात के मौसम दहीं का सेवन न करे खासकर खट्टी दही तो बिलकुल भी न खाएं | 

 

  1. डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन कम करें :- बरसात के मौसम में डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन कम करना चाहिए, जैसे की दूध, दही, पनीर आदि | इस मौसम में व्यक्ति के शरीर का मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है और साथ ही डेयरी प्रोडक्ट्स बहुत देर से पचता है | जिससे शरीर में पित्त की मात्रा बढ़ने लग जाती है | 

 

  1. प्रोसेस्ड फ़ूड से परहेज़ करें :- बरसात के मौसम में प्रोसेस्ड फ़ूड और बाहर के खाने का सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए, जैसे की ब्रेड, चिप्स या फिर फ़ास्ट फ़ूड आदि | इन पदार्थों को पचाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है | इसके आलावा बाहर के जूस, ऑयली और डीप फ्राइड के सेवन से भी बिलकुल बचना चाहिए | 

 

इससे संबंधित किसी भी तरह की जानकारी के लिए आप संजीवनी आयुर्वेदशाला से संपर्क कर सकते है | इस संस्था के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर रविंद्र वात्स्यायन आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियॉं में एक्सपर्ट्स है |