क्या है इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम की आयुर्वेदिक दवा व उपचार के तरीके ?

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क्या है इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम की आयुर्वेदिक दवा व उपचार के तरीके ?

  • August 16, 2023

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इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS) एक आम बीमारी है और यह बड़ी आंत को प्रभावित करती है। इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति को पेट में दर्द एवं मरोड़ होना, सूजन, गैस, कब्ज और डायरिया होने जैसे इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम के लक्षण नज़र आते है। इसके अलावा इस समस्या से कैसे हम खुद का बचाव कर सकते है वो भी आयुर्वेदिक उपचार की मदद से इसके बारे में आज के लेख में चर्चा करेंगे ;

क्या है इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) ?

  • इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम आंतों का रोग है, इसमें पेट में दर्द, बेचैनी व मल करने में परेशानी होती है, इसे स्पैस्टिक कोलन, इर्रिटेबल कोलन, म्यूकस कोइलटिस जैसे नामों से भी जाना जाता है। 
  • यदि लम्बे समय तक इस समस्या को अनदेखा किया गया, तो यह अधिक गम्भीर हो सकती है। कुछ मामलों में इस बीमारी से पीड़ित लोगों की आंत भी क्षतिग्रस्त हो सकती है। हालांकि यह बहुत सामान्य नहीं होता है। शुरूआत में खान-पान, जीवनशैली में बदलाव एवं तनाव कम करके इस बीमारी के लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है।

क्या आयुर्वेद में इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) का इलाज मौजूद है?

  • इसका इलाज आयुर्वेद में शुरू से मिलता आ रहा है, क्युकि आयुर्वेद बीमारी का इलाज जड़ से करती है और ये समस्या आपके आंत या फिर पेट से जुडी होती है। 
  • इसका इलाज आयुर्वेदिक जड़ीबूटियों की मदद से किया जाता है, जिससे व्यक्ति को काफी फ़ायदा भी पहुँचता है। 
  • इसके इलाज से बीमारी का जड़ से खात्मा किया जाता है।

यदि आप इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम का इलाज करवाना चाहते है, तो इसके लिए आपको बेस्ट आयुर्वेदिक क्लिनिक का चयन करना चाहिए।

इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBM) के क्या लक्षण है ? 

  • कब्ज या दस्त की समस्या। 
  • वजन का कम होना। 
  • भूख में कमी का आना। 
  • बुखार की समस्या आदि। 

इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम के लक्षण ज्यादा गंभीर होने पर आप बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर का चयन करे।

इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBM) की आयुर्वेदिक दवा और उपचार क्या है ?

  • इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम तनाव के कारण होता है, इसलिए इसका बेहतरीन इलाज है की व्यक्ति तनाव से जितना हो सकें दूर रहें। वहीं तनाव कम करने के लिए आप मालिश और अरोमाथेरेपी अपनाए। यदि आप ऐसा करते है तो आपको काफी फ़ायदा होगा और आपकी ये समस्या भी ख़त्म हो जाएगी।  
  • सम्पूर्ण स्वास्थ्य हासिल करने के लिए योग का सहारा लें। 
  • इसके अलावा आप इनके दोषों को कम करने के लिए कुछ हर्बल टॉनिक व आयुर्वेदिक दवाइयां भी लें सकते है।

अगर आप चाहें तो इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम का इलाज संजीवनी आयुर्वेदशाला क्लिनिक से भी करवा सकते है।

इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBM) की आयुर्वेदिक जड़ीबूटियां कौन-सी है ? 

  • आंत या पेट से जुडी समस्या से आप निजात पाना चाहते है तो इसके लिए आपको हरीतकी, शुंठी, पिप्पली, चित्रक को बराबर मात्रा में मिलाना है और सुबह शाम 3 से 6 ग्राम छाछ के साथ लेना है। 
  • 1 ग्लास पानी में त्रिफला चूर्ण भिगोएं, और खाली पेट इस पानी को पिएं। 
  • हिंग्वासक चूर्ण, 1 चम्मच घी, पानी के साथ खाने से पहले लें। 
  • 3 ग्राम इसबगोल, गुनगुने पानी के साथ सोते समय लें 
  • दालचीनी, सौंठ, जीरा बराबर मात्रा में मिलाएं। फिर इसे 1 से 2 ग्राम दिन में 2 या 3 बार मधु (शहद) के साथ लें।

यदि आप समय पर उपरोक्त आयुर्वेदिक जड़ीबूटियों का सेवन करते है, तो आपको इस तरह की समस्या से निजात मिलता है, पर ध्यान रहें इन दवाइयों को बिना डॉक्टर के सलाह पर न लें।

इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBM) के मरीज को क्या खाना चाहिए ?

  • बटर मिल्क या मट्ठा, गुनगुना पानी पिएं। फाइबर युक्त आहार, जैसी चीजों को चबा-चबा कर खाना चाहिए।
  • अदरक, सौंफ, जीरा, लौंग, इलायची, अनार, केला, बेल, सिंघाड़ा, पुराना चावल, लौकी, तौरई, मूंग के सेवन को अपने आहार में जरूर शामिल करें।

सुझाव :

आंत से जुडी समस्या व्यक्ति के लिए पेट से जुडी काफी परेशानी खड़ी कर सकता है, इसलिए जरूरी है की आप इसका इलाज जरूर करवाए। 

निष्कर्ष :

इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम या आंत से जुडी समस्या का अगर आप सामना कर रहें है, तो इससे बचाव के लिए आपको जल्द डॉक्टर का चयन करना चाहिए।

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पाचन क्रिया का ध्यान न रखने से कैसे बढ़ सकती है पेट की बीमारियां !

  • July 8, 2023

  • 217 Views

पेट या (पाचन क्रिया), जोकि व्यक्ति के शरीर में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है, इसलिए इसका ध्यान रखना बहुत जरूरी है। लेकिन किसी कारणवश या गलत खान-पान की वजह से इनमे किसी तरह की बीमारियां उत्पन्न हो जाए तो कैसे हम ऐसे में खुद का बचाव कर सकते है इसके बारे में आज के आर्टिकल में चर्चा करेंगे, इसलिए लेख को अंत तक जरूर पढ़े ;

पेट में समस्या क्यों उत्पन्न होती है?

  • जब हमारे द्वारा कुछ ऐसे खाने की चीजों का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे हमारी पाचन क्रिया सहन नहीं कर पाती तब पेट में समस्या उत्पन्न होती है।
  • अन्य, अधिक गंभीर कारणों में एपेंडिसाइटिस, उदर महाधमनी धमनीविस्फार, आंत्र रुकावट, कैंसर और गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स शामिल है।
  • वही बहुत अधिक खाने या ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करने से पेट में अस्थायी सूजन हो सकती है जो गैस का कारण बनते है। हालांकि, यदि सूजन अक्सर हो, तो यह आहार संबंधी समस्या का संकेत हो सकता है

पेट में समस्या के कारण कौन-कौन सी बीमारियां उत्पन्न होती है ?

  • पेट में जुडी बीमारियों के बारे में बात करें तो इसमें सबसे पहले “डायवर्टिक्युलाइटिस पाचन तंत्र से जुड़ी बीमारी” सामने आती है। वही इस बीमारी में आंतों की दीवारों पर संक्रमण फैल जाता है, जिससे आंतों में सूजन की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
  • कठोर मल से आपके गुदा की परत में दर्द, जलन और कई बार ब्लीडिंग की समस्या उत्पन्न हो सकती है। जिससे “बवासीर की समस्या” और बढ़ सकती है। 
  • लगातार रहने वाला कब्ज “मोटापे की समस्या” को और बढ़ा सकती है। दरअसल, मोटापे के मरीजों का मेटाबोलिज्म बहुत स्लो होता है जो कि लगातार पेट साफ ना होने के कारण और स्लो हो सकता है। जिसके कारण मोटापे की समस्या भी अपने साथ कई तरह की बीमारियों को उत्पन्न कर देता है। 
  • “इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम” (IBS) की समस्या तब बढ़ती है जब हमारे द्वारा पेट का अच्छे से ध्यान नहीं रखा जाता। और इस समस्या के कारण पेट में दर्द एवं मरोड़ होना, सूजन, गैस, कब्ज और डायरिया की समस्या उत्पन्न होती है।
  • अचानक से “शुगर का लो होना” भी पेट की समस्या मे शामिल है। 

अगर आप चाहते है की आपके पेट की बीमारी का खात्मा हो जाए, तो इसके लिए आपको बेस्ट आयुर्वेदिक क्लिनिक के संपर्क में आना चाहिए।

पेट की बीमारियों से कैसे करें खुद का बचाव ?

  • अगर आपके पेट में तमाम बीमारियां उत्पन्न हो गई है जैसे पेट में जलन, मरोड़, असहनीय दर्द तो सबसे पहले आपने अपने खाने-पीने की चीजों में स्वास्थ्य आहार को शामिल करना है। 
  • और दूसरी बात किसी भी तरह की समस्या आने पर बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर का चयन करें।
  • एक्सरसाइज को अपनी दिनचर्या में जरूर शामिल करें। 

पेट की समस्या से निजात पाने के लिए बेस्ट हॉस्पिटल या क्लिनिक !

  • पेट में सामान्य सी भी समस्या का उत्पन्न होना व्यक्ति की परेशानियां को और बड़ा सकता है, इसलिए आप इन समस्याओ से छुटकारा पाना चाहते है तो इसके लिए आपको संजीवनी आयुर्वेदशाला क्लिनिक का चयन करना चाहिए। वही अनुभवी डॉक्टरों के द्वारा इस क्लिनिक में मरीजों का इलाज काफी अच्छे तरीके से किया जाता है।

निष्कर्ष :

पेट का ध्यान रखना व्यक्ति के लिए काफी जरूरी है क्युकि अगर हमारी पाचन क्रिया ही ख़राब रहेगी तो हमारा सम्पूर्ण स्वास्थ्य तो वैसे भी ख़राब ही रहेगा इसलिए पेट में अगर सामान्य सी भी समस्या उत्पन्न हो जाए तो इससे बचाव के लिए आपको बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर का चयन करना चाहिए।